चुनावतन्त्र रूपी पशु

१. जन्मना वर्ण व्यवस्था  । ☝️

२. गोरक्षा ।☝️

३. मन्दिर वापसी  ।☝️

४. चार परम्परागत  शंकराचार्य   ।☝️

ये चार  प्रकरण ऐसे हैं ,  जिन  का दुरुपयोग करके  देश का वर्तमान  चुनावतन्त्र रूपी लोकतन्त्र  चल रहा है । 

  इन चार में विसंगति  के रूप में  पिछले लगभग  छः दशकों से  भारतवर्ष में  चल रहे  कथित  चुनावतन्त्र  रूपी  पशु  के  यही   चार  चरण हैं । 

५. #शिक्षा_में_सांकर्य - यही इस चुनावतन्त्र रूप पशु का #प्राण  है ।

जिस दिन ये  विषय सुलझ जायेंगे , देश का  यह कथित लोकतन्त्र समाप्त होकर पुनः यहॉ  वही सनातन राजतन्त्र  स्थापित हो जायेगा , जिसका वेदों में वर्णन है ।☝️

कथित स्वार्थी राजनीतिक और विधर्मी ये रहस्य भलीभॉति जानते हैं, इसीलिये वे ये चाहते हैं कि  भारत में  ये विसंगतियॉ बनी रहें ।

बोल दिया सच हमने,  डंके की चोट पर 🔊।
बिजली⚡ चमका दी है , नीयत की खोट पर ।।☝️

।। जय श्री  राम ।।

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